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अफगान महिलाओं के लिए ईरानी विश्वविद्यालय ने खोले दरवाजे

तेहरान: ईरान ने अफगान महिलाओं के लिए अधिक शिक्षा के अवसर मुहैया कराने का फैसला किया है।  तेहरान ने यह फैसला अफगानिस्तान में तालिबानी अधिकारियों द्वारा लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध लगाने के बाद लिया है।

ईरानी सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए ने एक रिपोर्ट में कहा कि ईरान ने अफगान छात्रों के लिए स्कॉलरशिप के लिए तेहरान विश्वविद्यालय का बजट पांच गुना बढ़ा दिया है। तेहरान विश्वविद्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि ईरान इस साल अधिक अफगानों खासकर लड़कियों को शिक्षा के मौके देगा।
तेहरान विश्वविद्यालय में फिलहाल कुल 470 अफगान छात्र हैं, जिनमें से लगभग एक चौथाई महिलाएं हैं।  विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि इनमें से आधे से अधिक छात्र ईरानी शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति पर पढ़ रहे हैं।

हाल ही में अफगान तालिबान द्वारा महिला छात्राओं के लिए विश्वविद्यालयों को बंदकरने के बाद ईरान ने अफगान सरकार के फैसले पर गहरा खेद व्यक्त किया और यह भी घोषणा की कि वह अफगान छात्राओं के लिए विशेष सुविधाएं देगी। दिसंबर के महीने में तालिबान ने यूनिवर्सिटी में महिलाओं के जाने पर पाबंदी लगा दी थी। अगस्त 2021 में जब तालिबान सत्ता में आया, तो उसने कहा था कि यह 1990 वाला तालिबान नहीं है और बदल चुका है।  उसने महिलाओं की आजादी को लेकर भी कई वादे किए थे।  हालांकि, एक-एक कर वे सारे वादे तोड़े जा रहे हैं।

जब से अफगानिस्तान में तालिबान सत्ता में आया है दैनिक जीवन में महिलाओं की भूमिका लगभग खत्म हो गई है।  तालिबान के आने के बाद बड़ी संख्या में महिलाओं को सरकारी नौकरियों से हटा दिया गया है। कई मामलों में तनख्वाहें घटा दी गईं और महिलाकर्मियों को घर भेज दिया गया। अफगानिस्तान में महिलाओं पर किसी पुरुष के बिना यात्रा करने पर प्रतिबंध है। उन्हें घर से बाहर निकलने पर खुद को पूरी तरह ढक कर रखना होता है। नवंबर महीने में ही उन्हें पार्कों, मेलों, जिम और मनोरंजन के अन्य सार्वजनिक आयोजनों में जाने से रोक दिया गया था।

ईरान भी एक मुस्लिम बहुल देश है, जहां सख्त इस्लामी कानूनों की बार-बार आलोचना की जाती रही है। इस्लामिक गणराज्य में महिलाओं को गंभीर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है. पिछले साल ही कुर्द ईरानी महिला महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईरान के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर दी हैं।  हालांकि देश में शिक्षा प्रणाली है और उच्च शिक्षा में महिला छात्रों की संख्या अधिक है।

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