भोपाल। एमपी बोर्ड की 10वीं, 12वीं की परीक्षा के पेपर वायरल होने से पूरे सिस्टम पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। यह मामला विधानसभा तक पहुंच गया। एमपी बोर्ड का दावा है कि पेपर छात्रों को बंटने से पहले तक चेयरमैन, सेक्रेटरी भी इसे नहीं देख सकते। 10वीं-12वीं के छात्रों को एग्जाम हॉल पहुंचने से पहले ही पेपर मिल रहा है। लेकिन अभी तक इस मामले में शिक्षा मंत्री या विभाग से आधिकारिक पुष्टी नहीं की गई है। इस मामले में साइबर क्राइम पुलिस के हाथ पेपर लीक करने वाली गैंग गुजरात से हाथ लगी है। भोपाल साइबर टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है। खबर यह भी है कि पुलिस ने रायसेन, खरगोन और सतना में भी छापेमारी कर कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए लोगों के तार पेपर लीक मामले से जुड़े हुए बताए जा रहें है। फिलहाल पुलिस इस मामले में आरोपितों से गंभीरता से पूछताछ कर रही है।
माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र लीक होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मध्यप्रदेश में सुबह होते ही फिर पेपर लीक गिरोह एक्टिव हो गए हैं। शुक्रवार को 10वीं कक्षा का अंग्रेजी का पेपर था। परीक्षा के समय 12.57 पर टेलीग्राम एप पर प्रश्नपत्र वायरल होने लगा। हालांकि माशिमं के अधिकारी का कहना है कि परीक्षा खत्म होने के तीन मिनट पहले प्रश्नपत्र वायरल होने से विद्यार्थियों को कोई फायदा नहीं पहुंच रहा है, बल्कि वे मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं।
माशिमं के सचिव श्रीकांत भनोट का कहना है कि प्रश्नपत्र लीक होने में क्रेंद्राध्यक्ष व सहायक केंद्राध्यक्षों की भूमिका संदिग्ध है। बिना उनके प्रश्नपत्र लीक नहीं हो सकता है, क्योंकि आधा घंटा पहले प्रश्नपत्र का बंडल केंद्राध्यक्ष व सहायक केंद्राध्यक्ष की निगरानी में खोला जाता है।हालांकि गुरुवार को मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल के दसवीं-बारहवीं के प्रश्न-पत्रों को लेकर प्रदेश के चार जिलों के नौ केंद्राध्यक्ष व सहायक केंद्राध्यक्षों को भूमिका संदेह के घेरे में आई थी। इसमें चार परीक्षा केंद्रों के नौ प्राचार्य समेत कुछ शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है।
मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं-बारहवीं बोर्ड परीक्षा एक व दो मार्च से शुरू हुई हैं। परीक्षा में 19 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी शामिल हो रहे है। प्रश्न-पत्र परीक्षा केंद्र के नजदीकी थानों में जमा रहते है। परीक्षा केंद्र की दूरी के अनुसार प्रश्न-पत्रों को परीक्षा शुरू होने के एक घंटा या डेढ़ घंटा पहले कलेक्टर प्रतिनिधि की उपस्थिति में केंद्राध्यक्ष या सहायक केंद्राध्यक्ष थाने से पेपर निकालकर परीक्षा केंद्र तक ले जाते है। लेकिन परीक्षा के पहले ही यह प्रश्न-पत्र इंटरनेट मीडिया पर लीक होने की सूचना वायरल होने लग रही है।
मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव ने बताया कि प्रश्नपत्र लीक मामले में छह सदस्यीय जांच समिति बनाई गई है। पहले चरण में नौ केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्षों को निलंबित किया गया है। समिति प्रश्नपत्रों का मिलान कर रही है। हालांकि कुछ प्रश्न मिल रहे हैं। मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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