नयी दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने पूजा-पद्धति किसी धर्म का एक अंग होता है। यह किसी धर्म का संपूर्ण सत्य नहीं होता है। अंतिम सत्य हर धर्म का मूल होता है और सबको उसे प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सबको अपना रास्ता सही दिखाई पड़ता है, लेकिन यह समझना चाहिए कि इन सभी मार्गों का अंतिम लक्ष्य एक सत्य को ही प्राप्त करना होता है। सनातन धर्म में आंतरिक और बाह्य दोनों प्रकार के ज्ञान के बिना ज्ञान को पूर्ण नहीं माना जाता है। वेद सूत्र वाक्य की तरह होते हैं, उनके संपूर्ण अर्थ को समझने के लिए उपनिषद जैसी अन्य रचनाओं की आवश्यकता होती है। हमें इनका अध्ययन करना चाहिए जिससे हम उनके मूल संदेशों को समझ सकें।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सबको अपना रास्ता सही दिखाई पड़ता है, लेकिन यह समझना चाहिए कि इन सभी मार्गों का अंतिम लक्ष्य एक सत्य को ही प्राप्त करना होता है. उन्होंने एक प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि अलग-अलग रूप से उपासना करने के बाद भी सुखी रहा जा सकता है, लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि सबकी उपासना का आदर करते हुए सत्य की उपासना करनी चाहिए और यही अंतिम ज्ञान का स्वरूप है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को इकबाल दुर्रानी द्वारा अनुवादित सामवेद के हिंदी-उर्दू संस्करण का लोकार्पण करते हुए कहा कि सनातन धर्म में आंतरिक और बाह्य दोनों प्रकार के ज्ञान के बिना ज्ञान को पूर्ण नहीं माना जाता है। सामवेद के उर्दू और हिंदी में अनुवाद की हुई किताब की लान्चिंग पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पूजा करने और एक दूसरे प्रति घृणा को लेकर अपनी बात रखी है। संघ प्रमुख ने कहा है कि सबकी मंजिल तो एक ही है।सामवेद का उर्दू अनुवाद करने वाले इकबाल दुर्रानी का कहना है कि 400 साल पहले दारा शिकोह ने वेदों का अनुवाद करना चाहा था, लेकिन औरंगजेब ने उन्हें मरवा दिया था। आज पीएम मोदी के राज में मैंने उनका सपना पूरा किया है। उन्होंने कहा, ‘औरंगजेब हार गया और मोदी जीत गए।’
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉक्टर मोहन भागवत के अलावा गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, स्वामी कैलाशानंद, डॉक्टर इकबाल दुर्रानी, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक डॉक्टर इंद्रेश कुमार, आरएसएस संपर्क प्रमुख राम लाल, कलाकार गजेंद्र चौहान, सुनील शेट्टी, जयप्रदा, मुकेश खन्ना, अनूप जलोटा, मौलाना उमेर इलियासी, सांसद मनोज तिवारी और हंस राज हंस समेत अनेकों गण्यमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुवात अनूप जलोटा के शानदार भजन और उसके बाद कलाकारों के शिव स्तुति से हुई।इस दौरान दिल्ली के लाल किला स्थित मैदान में हिंदू धर्म के पवित्र ग्रन्थ सामवेद की हिंदी एवं उर्दू में अनुवादित पुस्तक का विमोचन संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा किया गया। सामवेद पुस्तक का हिंदी और उर्दू में अनुवाद मशहूर लेखक डॉक्टर इकबाल दुर्रानी ने किया है।
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