भोपाल। देश के भूगोलिक केंद्र में स्थित भोपाल, अपनी अद्वितीय क्षमता के बावजूद लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग के क्षेत्र में अभी भी पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाया है। क्रेडाई भोपाल ने आज “मध्य प्रदेश: लॉजिस्टिक्स हब – चुनौतियाँ और आगे का रास्ता” विषय पर मध्य प्रदेश राज्य नीति आयोग के नीति संवाद में इस चुनौती को गंभीरता से उठाया।
क्रेडाई के अध्यक्ष मनोज मीक ने इस अवसर पर कहा, “भारत के हृदय स्थल भोपाल को सही नीतियों, रणनीतियों और समावेशी प्रयासों के माध्यम से न केवल राज्य या रीजन बल्कि पूरे देश के लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक विकास का केंद्र बन सकता है।”
भोपाल की क्षमता और जरूरत
भोपाल देश के केंद्र में स्थित है, जो इसे मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग के लिए स्वाभाविक रूप से लाभकारी बनाता है। यह शहर 500 किलोमीटर के दायरे में सबसे अधिक शहरी क्षेत्रों को कवर करता है, जो इसे व्यापार, आपूर्ति श्रृंखला, और माल परिवहन के लिए आदर्श बनाता है। इसके बावजूद, इस क्षेत्र में राज्य के ठोस और समय पर प्रयासों का अभाव रहा है।
मध्य प्रदेश के देर से उठाए गए कदम
हाल के वर्षों में सरकार ने लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग क्षेत्र को विकसित करने के लिए कुछ ठोस पहल की हैं:
•मध्य प्रदेश लॉजिस्टिक्स नीति 2022: पूंजी निवेश सब्सिडी, स्टाम्प शुल्क छूट, और भूमि आवंटन जैसी सुविधाओं की पेशकश।
•मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी: सड़क और रेल नेटवर्क में सुधार के लिए 50% तक की सब्सिडी।
•डिजिटल परिवर्तन: IoT और ब्लॉकचेन जैसी आधुनिक प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा।
इन पहलों के बावजूद, भोपाल सहित पूरे मध्य प्रदेश को अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने के लिए समावेशी और प्रभावी रणनीतियों की आवश्यकता है।
समावेशी प्रयासों की दिशा में क्रेडाई की भूमिका
मनोज मीक ने नीति संवाद में इस बात पर जोर दिया कि सरकार, निजी क्षेत्र, और नागरिक समाज को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा, “भोपाल को ‘भारत का लॉजिस्टिक्स केंद्र’ बनाने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक अवसर है। यह पहल केवल आर्थिक वृद्धि का माध्यम नहीं होगी, बल्कि यह शहर की वैश्विक पहचान को सशक्त करेगी।”
प्रमुख बिंदु जो भोपाल को बना सकते हैं लॉजिस्टिक्स हब
1.भौगोलिक और सामरिक लाभ:
भोपाल का केंद्रीय स्थान इसे मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग के लिए आदर्श बनाता है। यह 500 किलोमीटर के दायरे में सबसे बड़ा अर्बन फुटप्रिंट कवर करता है।
2.अवसंरचना सुधार की आवश्यकता:
भोपाल के सड़कों, रेलवे, और औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए ठोस नीतिगत कदम उठाए जाने चाहिए। आधुनिक कोल्ड स्टोरेज और स्मार्ट वेयरहाउसिंग जैसी सुविधाएँ विकसित करना समय की आवश्यकता है।
3.नीतिगत समर्थन:
क्रेडाई ने मध्य प्रदेश लॉजिस्टिक्स नीति में पूंजी निवेश सब्सिडी, स्टाम्प शुल्क छूट, और भूमि आवंटन जैसे प्रावधानों की सराहना की, लेकिन इनका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
4.निवेश आकर्षण:
भोपाल को देश-विदेश के निवेशकों के लिए आकर्षक केंद्र बनाया जा सकता है। डिजिटल प्रौद्योगिकी, हरित ऊर्जा समाधानों और टिकाऊ विकास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
विकास का आह्वान
क्रेडाई भोपाल इस दिशा में सरकार और उद्योग के साथ मिलकर काम करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह केवल नीतिगत पहल नहीं है, बल्कि यह भोपाल की पहचान को विश्व मंच पर स्थापित करने की एक ऐतिहासिक पहल होगी।
मनोज मीक ने अपने संबोधन के अंत में कहा, “यह समय सामूहिक प्रयासों और एक स्पष्ट विजन का है। अगर हम मिलकर काम करें, तो भोपाल भारत का सबसे प्रभावशाली लॉजिस्टिक्स हब बन सकता है। यह पहल लाखों युवाओं को रोजगार देगी, उद्योगों को बढ़ावा देगी, और भोपाल को वैश्विक पहचान दिलाएगी।”
इस अवसर पर विभिन्न प्रमुख वक्ताओं, नीति निर्माताओं, और उद्योग प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किए, जिसमें डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स, मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी, और सतत विकास जैसे विषय शामिल रहे।