FILE - Russian President Vladimir Putin speaks to Governor of Magadan Region Sergey Nosov via videoconference at the Novo-Ogaryovo residence outside Moscow, Russia, on Oct. 21, 2022. The International Criminal Court said Friday, March 17, 2023 it has issued an arrest warrant for Russian President Vladimir Putin for war crimes because of his alleged involvement in abductions of children from Ukraine. (Gavriil Grigorov, Sputnik, Kremlin Pool Photo via AP)
नई दिल्ली। यूक्रेन के खिलाफ जंग को एक साल पूरा होने के बाद अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत (international criminal court) ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट (Arrest Warrant Against vladimir Putin) जारी किया है। आईसीसी के इस कदम से अमेरिका, यूक्रेन समेत तमाम पश्चिमी देश खुशी जता रहे हों लेकिन रूस बौखला गया है।अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। कोर्ट ने कहा- पुतिन ने यूक्रेन में वॉर क्राइम किया है। वो यूक्रेनी बच्चों के अपहरण और डिपोर्टेशन के अपराध के लिए जिम्मेदार हैं। हालांकि, रूस ने युद्ध अपराधों के आरोपों से इनकार किया है।
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के इस फैसले को अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन से बिल्कुल जायज ठहराया। रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा- कानूनी तौर पर रूस के लिए इस गिरफ्तारी वारंट का कोई मतलब नहीं है। क्योंकि रूस इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट की रोम स्टैट्यूट (Rome Statute) का हिस्सा नहीं है। दरअसल, 123 देशों ने कोर्ट की स्थापना वाले एक समझौते पर साइन किए थे। रूस ने हस्ताक्षर नहीं किए थे। इसी वजह से रूस ICC के किसी फैसले को नहीं मानता।
रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने ट्विटर पर वारंट की तुलना टॉयलेट पेपर से की। गौरतलब है कि आईसीसी ने शुक्रवार को पहले घोषणा की कि उसने यूक्रेनी बच्चों के “गैरकानूनी निर्वासन” के लिए पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अदालत ने इसी तरह के आरोपों पर बच्चों के अधिकारों के लिए रूस की राष्ट्रपति आयुक्त मारिया लावोवा-बेलोवा के खिलाफ वारंट भी जारी किया था।
पुतिन को गिरफ्तार करने के लिए आईसीसी के पास अब दो और काफी मुश्किल रास्ते हैं। दरअसल, आईसीसी के पास पुलिस बल न होने के कारण वह अब अपने सदस्य देशों पर ही निर्भर है। अब आईसीसी या तो पुतिन का प्रत्यर्पण करा सकता है या तो रूस से बाहर किसी दूसरे देश में पुतिन को गिरफ्तार कर सकता है।
रूसी राष्ट्रपति पर इस वारंट का एक असर ये हो सकता है कि आईसीसी अपने 123 सदस्य देशों से उनको गिरफ्तार करने को कहे। इसके चलते पुतिन के विदेशी दौरों पर असर हो सकता है। हालांकि, अभियोजक करीम खान ने कहा कि ऐसा भी नहीं है कि आईसीसी के सदस्य देश उसके दबाव में एकदम आ जाएं। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कई लोगों के खिलाफ वारंट जारी हुआ है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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