Categories: देश

सुप्रीम कोर्ट का फैसला : नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार का फैसला एकदम सही

नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। आज सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने 4:1 से नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया है। राजनीतिक रूप से काफी चर्चा में रहे इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया है कि इसमें कोई त्रुटि नहीं थी। पीठ ने बहुमत से माना है कि नोटबंदी का उद्देश्य ठीक था। 8 नवंबर 2016 को हुई नोटबंदी को लेकर निर्णय प्रक्रिया में कोई त्रुटि नहीं मिली। कोर्ट ने 6 महीने तक चली लंबी सुनवाई के बाद माना है कि नोटबंदी का फैसला सही था। गौर करने वाली बात यह है कि कोर्ट ने कहा है कि नोटबंदी का उद्देश्य ठीक था, भले ही वह उद्देश्य पूरा हुआ हो या न हुआ हो… निर्णय लेने की प्रक्रिया या उद्देश्य में कोई गलती नहीं थी। याचिकाकर्ताओं ने मुख्य रूप से दलील रखी थी कि आरबीआई एक्ट के सेक्शन 26(2) का पालन नहीं किया गया था। इसी के तहत आरबीआई को नोट बदलने का अधिकार मिलता है।

साल 2016 में 1000 और 500 रुपये के नोटों को अचानक बंद करने के मोदी सरकार के फैसले जनता काफी परेशां हुयी थी। विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा था। विरोध में 50 से ज्यादा याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गईं। अब जस्टिस एस.ए. नजीर की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक बेंच फैसला सुना दिया है। इससे पहले याचिकाकर्ताओं ने मुख्य रूप से यह दलील रखी थी कि आरबीआई ऐक्ट की धारा 26(2) का पालन नहीं किया गया। इसके तहत ही आरबीआई को नोट बदलने का अधिकार मिलता है।

याचिकाओं में कहा गया था कि सरकार और रिजर्व बैंक के बीच ऐसे मुद्दे पर विस्तार से गंभीर चर्चा होनी चाहिए थी, जो नहीं हुई। लोगों को पहले ही सूचना दी जानी चाहिए थी कि ऐसा फैसला होने वाला है। अगर कोई नोट वापस लिया जाना है तो उसकी एक सीरीज को वापस ले सकते हैं, पूरे के पूरे नोट को वापस नहीं ले सकते हैं। सरकार ने इन दलीलों के विरोध में कहा था कि उसकी शक्तियों के दायरे में यह आता है और उसका उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट और नेक था।

सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और RBI को सात दिसंबर को निर्देश दिया था कि वे सरकार के 2016 में 1000 रुपये और 500 रुपये के नोट को बंद करने के फैसले से संबंधित रेकॉर्ड पेश करें। बेंच ने केंद्र के 2016 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, RBI के वकील और सीनियर वकील पी. चिदंबरम और श्याम दीवान समेत याचिकाकर्ताओं के वकीलों की दलीलें सुनी थीं और अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

सरकार ने दी थी ये दलील
1000 और 500 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले को गंभीर रूप से दोषपूर्ण बताते हुए चिदंबरम ने दलील दी थी कि केंद्र सरकार कानूनी निविदा से संबंधित किसी भी प्रस्ताव को अपने दम पर शुरू नहीं कर सकती है और यह केवल आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की सिफारिश पर किया जा सकता है। वर्ष 2016 की नोटबंदी की कवायद पर फिर से विचार करने के सुप्रीम कोर्ट की कोशिश का विरोध करते हुए सरकार ने कहा था कि अदालत ऐसे मामले पर फैसला नहीं कर सकती है, जब बीते वक्त में लौट कर कोई ठोस राहत नहीं दी जा सकती है।

Anand

Recent Posts

डॉ. संजीव गुप्ता को सेज यूनिवर्सिटी द्वारा “स्टूडेंट चॉइस अवॉर्ड- 2025” से सम्मानित किया गया

भोपाल । सेज यूनिवर्सिटी ने मीडिया शिक्षण में डॉ. संजीव गुप्ता को उनकी उत्कृष्ट शैक्षणिक…

2 days ago

रेडक्रॉस द्वारा विश्व रक्तदाता दिवस पर रक्तदाता संस्थाओं का सम्मान

भोपाल। विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी, मध्यप्रदेश राज्य शाखा द्वारा संचालित…

2 days ago

अहमदाबाद में बड़ा विमान हादसा: एयर इंडिया का लंदन जा रहा प्लेन क्रैश, पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी सवार

अहमदाबाद |  गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से एक बड़े विमान हादसे की खबर सामने आई…

4 days ago

अहमदाबाद में बड़ा विमान हादसा: लंदन जा रहा एअर इंडिया का विमान टेक ऑफ के तुरंत बाद क्रैश, 242 लोग थे सवार

अहमदाबाद ।  गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में गुरुवार दोपहर एक बड़ा विमान हादसा हो गया।…

4 days ago

हार्वर्ड की विदेशी छात्रों के दाखिले की पात्रता रद्द, भारत समेत कई देशों के विद्यार्थियों पर असर

न्यूयॉर्क।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय की विदेशी छात्रों…

3 weeks ago

संग्रहालयों के तकनीकी उन्नयन से देश-दुनिया में प्रदेश की विशेष पहचान बनी है: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल ।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और…

4 weeks ago