राहुल गांधी इन दिनों ब्रिटेन के दौरे पर हैं। कांग्रेस नेता ने इस दौरान लंदन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एक भाषण दिया है, जो चर्चा का विषय बन गया है। राहुल गांधी के संबोधन का विषय ‘लर्निंग टू लिसेन इन इन 21 सेंचुरी’ था। राहुल ने यूनिवर्सिटी में दिए अपने भाषण में भारत में लोकतंत्र की स्थिति को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके फोन की पेगासस के माध्यम से जासूसी भी की गई और इसकी जानकारी खुद खुफिया अधिकारियों ने दी।
लंदन की यूनिवर्सिटी में दिए भाषण में राहुल गांधी ने आगे कहा कि भारत में विपक्षी पार्टियों के लोगों को गलत तरीके से फंसाया जा रहा है और उन्हें धमकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम लगातार दबाव महसूस करते हैं, क्योंकि विपक्ष के खिलाफ गलत मामले दर्ज किए जा रहे हैं। राहुल ने कहा कि मेरे खिलाफ भी बिना बात के आपराधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
1. इंटेलिजेंस अफसरों ने कहा फोन पर जो कुछ भी कहें, बेहद सतर्क होकर
राहुल ने कहा, “बड़े पैमाने पर राजनीतिक नेताओं के फोन में पेगासस है। मेरे फोन में भी पेगासस था। मुझे इंटेलिजेंस अफसरों ने बुलाकर कहा था कि आप फोन पर जो कुछ भी कहें, बेहद सतर्क होकर कहें, क्योंकि हम इसे रिकॉर्ड कर रहे हैं। यह एक ऐसा दबाव है, जो हम महसूस करते हैं।”
2. विपक्ष के तौर पर लोगों से बात करना मुश्किल
उन्होंने कहा, “विपक्ष के खिलाफ केस दर्ज किए जाते हैं। मेरे खिलाफ कई क्रिमिनल केस दर्ज किए गए हैं, लेकिन ये केस ऐसी चीजों के लिए दर्ज किए गए, जो आपराधिक नहीं थीं। जब देश में मीडिया और लोकतांत्रिक ढांचे पर इस तरह का हमला हो रहा हो तो विपक्ष के तौर पर आपके लिए लोगों से बात करना मुश्किल हो जाता है।”
3. विपक्षी नेता मुद्दों पर बात कर रहे थे, जेल में डाल दिया
राहुल बोले, “लोकतंत्र के लिए जरूरी ढांचा संसद, स्वतंत्र प्रेस, न्यायपालिका होते हैं। आज यह सब विवश होते जा रहे हैं। इसलिए हम भारतीय लोकतंत्र के मूल ढांचे पर हमले का सामना कर रहे हैं। भारतीय संविधान में भारत को राज्यों का संघ बताया है। उस संघ को बातचीत की जरूरत है। यह वह बातचीत है जो खतरे में है। आप देख सकते हैं तस्वीर जो संसद भवन के सामने की है। विपक्ष के नेता कुछ मुद्दों पर बात कर रहे थे, और उन्हें जेल में डाल दिया गया। ऐसा 3 या 4 बार हुआ है। जो हिंसक था।”
बता दें कि पेगासस एक जासूसी सॉफ्टवेयर है, जिसे स्पाईवेयर भी कहा जाता है। इसे इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप ने बनाया है। इस स्पाईवेयर को किसी के भी फोन में डालकर उसकी जासूसी की जा सकती है। बीते दिनों एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत में भी 2019 में इसके जरिए 1400 लोगों के फोन की जासूसी की गई थी, जिसमें कई बड़े नेता, सुरक्ष अधिकारी, उद्योगपति और पत्रकार जैसे लोग शामिल थे।
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