नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों नहीं कराया जाना और समारोह में भी उन्हें आमंत्रित नहीं किया जाना देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है। उन्होंने यह भी कहा कि संसद अहंकार के इंटों से नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों से बनती है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना – यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है। संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों से बनती है।
विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि भवन का उद्घाटन द्रौपदी मुर्मू के हाथों न कराकर पीएम मोदी से कराना राष्ट्रपति का अपमान है। इसी बीच कांग्रेस ने निमंत्रण पत्र से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का नाम गायब होने पर भी सवाल उठा दिए हैं। वहीं कांग्रेस ने बहिष्कार का एक संयुक्त बयान जारी किया गया है। बयान में कहा गया है कि लोकतंत्र की आत्मा को संसद से निष्कासित कर दिया गया है। हमें इस इमारत में कोई मूल्य नहीं दिखता है। इसलिए हम नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है। हम इस निरंकुश प्रधानंमत्री और उनकी सरकार के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।
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