मैं दिल्ली में नहीं, मध्यप्रदेश में रहना चाहूंगी, यहां प्रदूषण कम है, लेकिन अब यहां भी कार्बन उत्सर्जन बढ़ रहा है। इसे रोकना होगा। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ाना जरूरी है। यह बात केंद्रीय रोड ट्रांसपोर्ट एवं हाईवेज सचिव अलका उपाध्याय ने बुधवार को यहां ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सत्र “शहरी अधो-संरचना और गतिशीलता” में कही। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना में इंटीग्रेटेड स्ट्रक्चर बनाने की प्लानिंग की जा रही है। अब सड़क और ट्रेन परिवहन एक ही स्ट्रक्चर पर होंगे।
उन्होंने कहा कि हम लॉजिस्टिक एफीशिएंसी बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। मल्टीमॉडल पार्क ग्वालियर और इंदौर में प्रस्तावित है। ड्राइवरलेस वाहन और इलेक्ट्रिक वाहनों के हिसाब से रोड डिजाइन किए जा रहे हैं। प्रति 40 किलोमीटर में इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन बनाना है। मध्यप्रदेश में 15 रोप-वे बनाना है।
केन्द्रीय सचिव अलका उपाध्याय ने कहा कि मध्य प्रदेश के शहरों में स्थित 18 कंजेशन पॉइंट को हटाने की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के बारे में बताते हुए कहा कि इसके किनारे स्थित मध्यप्रदेश के शहरों का विकास होगा। यह मध्यप्रदेश में 250 से 300 किलोमीटर का होगा। शहरीकरण वर्ष 2014 में 32% था, जो वर्ष 2030 तक 38 से 40% तक हो जाएगा। इस हिसाब से प्लानिंग करनी होगी।
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