Taliban girls poison:अफगानिस्तान के उत्तरी इलाके में दो अलग-अलग मामलों में प्राइमरी स्कूल की 80 लड़कियों को जहर दे दिया गया। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इलाके के शिक्षा अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद ये पहला ऐसा मामला है।
अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने और अफगान महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों और स्वतंत्रता को कुचलने के बाद से इस तरह का हमला पहली बार हुआ है। अफगानिस्तान में सिर्फ प्राइमरी स्कूल की बच्चियों को ही स्कूल जाने का अधिकार दिया गया है और उसके बाद से लड़कियां का स्कूल जाना वर्जित कर दिया गया है।वहीं, महिलाओं के नौकरी करने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है और उन्हें शरिया के कठोरतम कानून में कैद कर लिया गया है, जिसकी वजह से महिलाओं की जिंदगी घर में खाना बनाने तक ही सीमट कर रह गई है।
तालिबान पहले ही देश में लड़कियों के छठी कक्षा से आगे पढ़ाई करने पर प्रतिबंध लगा चुका है। जिन स्कूलों में लड़कियों को जहर दिया गया है वो अफगानिस्तान के सर-ए-पुल प्रांत में हैं। दोनों स्कूल आस-पास बताए जा रहे हैं। एक के बाद एक इन स्कूलों को निशाना बनाया गया।
प्रांतीय शिक्षा विभाग के प्रमुख मोहम्मद रहमानी ने कहा, कि संगचरक जिले में करीब 80 छात्राओं को जहर दिया गया है। उन्होंने कहा, कि नसवान-ए-कबोद आब स्कूल में 60 छात्रों को जहर दिया गया था और नसवान-ए-फैजाबाद स्कूल में 17 अन्य को जहर दिया गया था। उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस को बताया, कि “दोनों प्राथमिक स्कूल एक-दूसरे के करीब हैं और एक के बाद एक उन्हें निशाना बनाया गया।” उन्होंने कहा, कि “हमने छात्रों को अस्पताल में भर्ती किया है, जहां अब उनकी हालत स्थिर है।”
रहमानी ने कहा, कि विभाग की जांच जारी है और प्रारंभिक पूछताछ से पता चलता है, कि किसी ने दुश्मनी के साथ हमलों को अंजाम देने के लिए किसी तीसरे पक्ष को सुपारी दी होगी। हालांकि, उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी, कि लड़कियों को कैसे जहर दिया गया या जिन लड़कियों को जहर दिया गया है, उनकी हालत कितनी खराब है। रहमानी ने बच्चियों की उम्र भी नहीं बताई, लेकिन कहा कि वे कक्षा 1 से 6 तक की बच्चियां हैं।
सर-ए-पुल के एजुकेशन डिपार्टमेंट के अधिकारी ने बताया कि वो मामले की जांच कर रहे हैं। शुरुआती जांच से ये किसी की साजिश लग रही है। किसी ने पैसे देकर इन लड़कियों को जहर दिलाया है। जिन लड़कियों को जहर दिया गया वो एक से छठी क्लास की बताई जा रही हैं।
अफागानिस्तान में 2015 में भी ऐसी घटना हुई थी। तब हेरात प्रांत में स्कूल की 600 बच्चियों को जहर दिया गया था। तब भी किसी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली थी। हालांकि उस समय कई मानवाधिकार संगठनों ने तालिबान को घटना का जिम्मेदार ठहराया था।
घटना तब हुई है जब 4 दिन पहले अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत ने दुनिया के तमाम देशों से उसे मान्यता देने की बात कही है। इसी सिलसिले में बातचीत के लिए कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन थानी 12 मई को अफगानिस्तान के कंधार गए थे। थानी ने अफगान तालिबान के सुप्रीम लीडर हेबुतुल्लाह अखुंदजादा से कंधार में सीक्रेट मीटिंग की थी। इसकी जानकारी बुधवार को सामने आई।
एक रिपोर्ट के मुताबिक- थानी ने अखुंदजादा से साफ कहा कि अगर वो चाहते हैं कि दुनिया तालिबान हुकूमत और अफगान सरकार को मान्यता दे तो उन्हें महिलाओं को उनके अधिकार देने होंगे। इसी मसले पर बातचीत अटक गई।
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