मंत्रालय ने यहां जारी एक बयान में बताया कि अप्रैल महीने में थोक मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी की मुख्य वजह खाद्य वस्तुओं, बिजली, कच्चे पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस, खाद्य उत्पादों के निर्माण, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि रही है। आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर बढ़कर 7.74 फीसदी हो गई, जो मार्च महीने में 6.88 फीसदी रही थी।
वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक सब्जियों की महंगाई दर अप्रैल में 23.60 फीसदी रही, जो मार्च में 19.52 फीसदी थी। इसी तरह ईंधन और बिजली की थोक महंगाई अप्रैल में 1.38 फीसदी रही, जो मार्च में -0.77 फीसदी रही थी। गौरतलब है कि अप्रैल में खुदरा महंगाई दर घटकर 11 महीने के निचले स्तर 4.83 फीसदी पर आ गई है।
आलू-प्याज की थोक कीमतों में बढ़ोतरी
अप्रैल महीने में प्याज की कीमतों की वृद्धि दर 59.75 प्रतिशत रही जो मार्च में 56.99 प्रतिशत थी। वहीं आलू के मामले में कीमतों की वृद्धि दर 71.97 प्रतिशत रही, मार्च में यह 52.96 प्रतिशत थी। एक साल पहले से तुलना करें तो उस दौरान प्याज की कीमतों में 5.54 प्रतिशत की कमी आई थी, वहीं आलू की कीमतों में 30.56 प्रतिशत का इजाफा हुआ था।
क्रूड पेट्रोलियम के थोक भाव भी बढ़े
अप्रैल 2024 में क्रूड पेटोलियम की थोक महंगाई दर पिछले साल के 1.64 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर 4.97 प्रतिशत पर पहुंच गईं। प्राथमिक वस्तुओं की थोक महंगाई दर अप्रैल में बढ़कर 5.01 प्रतिशत हो गई, जो पिछले महीनें में 4.51 प्रतिशत थी। प्राथमिक वस्तुओं के अंतर्गत खाद्य पदार्थों, सब्जियों और खनिजों की कीमतें आती हैं।